दिखी एक झलक, झलक वो ह्रदय मे, बसी रह गई। दिखी एक झलक, झलक वो ह्रदय मे, बसी रह गई।
मां तो हम सबमें बसी है। मां तो हम सबमें बसी है।
एक वजह वही खुश रहने की बेवजह ये दुनिया सारी है। एक वजह वही खुश रहने की बेवजह ये दुनिया सारी है।
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है। उम्र का सूरज अब, ढलान पर जा रहा है। लगता है कि बुढ़ापा आ रहा है।
कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। मधुरिम मधुरिम कविता है तो कवि है ,कवि है तो कविता जीवन की लय समझाती है जीवन सरिता। म...